क्या जिसने ईशा की नमाज़ जमात से न पढ़ी हो, वह वितर की नमाज़ जमात से पढ़ सकता है?

 

क्या जिसने ईशा की नमाज़ जमात से न पढ़ी हो, वह वितर की नमाज़ जमात से पढ़ सकता है? फतावा,فتاویٰ،دار الافتاء اہلسنت،,

सवाल:

क्या फरमाते हैं उलमा-ए-दीन व मिल्लत इस मसले में: अगर इशा की फर्ज़ की जमात छूट जाए, तो क्या तरावीह और वितर की जमात में शामिल हो या नहीं?
मुस्तफ्ती: फतेह मुहम्मद शाह, दोबोलिया बाज़ार, जिला बस्ती

بِسْمِ اللهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِیْمِ

जवाब:
जिसने इशा की जमात अकेले पढ़ी हो, वह तरावीह की जमात में शामिल हो जाए, अकेले न पढ़े। हाँ, वितर की जमात में शामिल न हो।

"दर मुख्तार" में है

:"مصليه (أي الفرض) وحده يصليها معه. (أي التراويح) معه (أي مع الإمام)"

(अल-हसकफी, अद-दुर अल-मुख्तार, जिल्द: 2, पृष्ठ: 47, दार अल-फिक्र, बेरूत)

"रद्द अल-मुहतार" में है:

إذا لم يصل الفرض معه لا يتبعه في الوتر.

(इब्ने आबिदीन, रद्द अल-मुहतार, जिल्द: 2, पृष्ठ: 48, दार अल-फिक्र, बेरूत)

سبحانه وتعالى أعلم.

लिखा:

फ़क़ीह-ए-मिल्लत मुफ्ती जलालुद्दीन अहमद अमजदी अलाईहिर्रहमा

[फतावा-ए-फ़ैज़ुर्रसूल, ज: 1, स: 376]



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